मिथक 1: दमा का दौरा पड़ने पर ही आपको दमा की दवा लेनी चाहिए।
सत्य: नहीं! भविष्य में दमा के हमलों को रोकने के लिए लगातार अस्थमा (हल्के, मध्यम या गंभीर) वाले मरीजों को दीर्घकालिक आधार पर प्रिवेंटर (नियंत्रक) दवा का उपयोग करने की आवश्यकता होती है।
मिथक 2: अस्थमा से पीड़ित बच्चे की बीमारी दूर हो जाएगी।
सत्य: नहीं! रोग शायद हल्का और कम रोगसूचक हो जाएगा, लेकिन यह पूरी तरह से नहीं जाएगा। हालांकि अस्थमा एक पुरानी स्थिति है, इस विकार को नियंत्रित करने के लिए उत्कृष्ट उपाय उपलब्ध हैं।
मिथक 3: अस्थमा के रोगियों को शारीरिक व्यायाम में भाग नहीं लेना चाहिए।
सत्य: नहीं! व्यायाम दमा के रोगियों के साथ-साथ अस्थमा के रोगियों के लिए भी अच्छा है। लेकिन ऐसी गतिविधियों को करने से पहले उचित चिकित्सा सलाह लेनाआवश्यक है।
मिथक 4: अस्थमा का इलाज "बेहतर" जलवायु में रहकर प्राप्त किया जा सकता है।
सत्य: नहीं! अस्थमा नियंत्रण प्राप्त करने के लिए दवाओं का उचित उपयोग और घर और कार्यस्थल पर सामान्य सावधानियां सबसे महत्वपूर्ण हैं।
मिथक 5: "इनहेलर्स" अस्थमा के नियंत्रण के लिए अंतिम उपाय हैं।
सत्य: नहीं! दमा की दवा आदर्श रूप से साँस द्वारा दी जाती है, ताकि शीघ्र और लक्षित दवा वितरण सुनिश्चित किया जा सके कम से कम साइड इफेक्ट के साथ।यह बीमारी के सबसे हल्के रूप के लिए भी सही है।
मिथक 6: "इनहेलर" नशे की लत या आदत बनाने वाले होते हैं।
सत्य: नहीं! ये आदत बनाने वाली दवाएं बिल्कुल नहीं हैं। हालांकि, अस्थमा एक पुरानी बीमारी है, उन्हें उचित चिकित्सा मार्गदर्शन के तहत दीर्घकालिक आधार पर देने की आवश्यकता हो सकती है।
मिथक 7: अस्थमा में उपयोग किए जाने वाले स्टेरॉयड खतरनाक दवाएं हैं।
सत्य: नहीं! अस्थमा में उपयोग किए जाने वाले इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के लाभ इसमें शामिल जोखिमों से कहीं अधिक हैं। बढ़ते बच्चों में भी यह सच है। लेकिन अस्थमा की दवा का उपयोग चिकित्सकीय मार्गदर्शन में होना चाहिए।
मिथक 8: अस्थमा एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है।
सत्य: नहीं! अस्थमा एक मनोवैज्ञानिक बीमारी नहीं है, हालांकि भावनात्मक कारक अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं।
मिथक 9: दमा छूत की बीमारी है।
सत्य: नहीं! यह सच नहीं है।
मिथक 10: दमा के रोगी "ठंडे" भोजन जैसे दूध, दही आदि से परहेज करें।
सत्य: नहीं! दमा में खान-पान पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।हालाँकि, यदि कोई ऐसा खाद्य पदार्थ है जो किसी विशेष रोगी में अस्थमा के दौरे को ट्रिगर करने के लिए जाना जाता है, तो इस वस्तु से बचना चाहिए।
मिथक 11: अस्थमा की दवाओं का नियमित उपयोग उन्हें अप्रभावी बना देता है।
सत्य: नहीं! यह गलत है। कुछ दवाएं नियमित रूप से उपयोग करने पर ही प्रभावी होती हैं। दमा की किसी भी दवा का उपयोग चिकित्सकीय मार्गदर्शन में ही होना चाहिए।
मिथक 12: बच्चों में नेब्युलाइज़र अस्थमा की दवा देने का आदर्श तरीका है।
सत्य: नहीं! स्पेसर के साथ मीटर्ड डोज़ इनहेलर और मास्क डिवाइस छोटे बच्चों में दवा वितरण में समान रूप से प्रभावी हैं।
References:
- https://www.nhp.gov.in/disease/respiratory/lungs/asthma
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