ये जो है, कोरोना का कहर;
हर घड़ी फैला रहा है जहर......।
दिन हो या
रात, शाम हो या दोपहर;
सहमा सा है,
हर गांव और शहर।
कब खत्म होगी, ये राक्षसी दहशत;
बस उस
उम्मीद पे, टिकी सबकी नजर।।
ये जो है, कोरोना का कहर,
हर घड़ी फैला रहा है जहर........।
हमारे पास
था, संभलने का बहुत वक्त;
पर रहती
सरकारे, हर अनहोनी से बेखबर।
लॉकडाउन भी, सफल न हुआ देश में;
कोरोना
रोकने के, हथकंडे भी रहे
बेअसर।।
ये जो है, कोरोना का कहर,
हर घड़ी फैला रहा है जहर........।
हर अस्पताल, कोरोना
बदहाल हो गया है;
डॉक्टर काम कर
करके, बेहाल हो गया है।
पूरे देश में हर जगह, लोग मर रहें है;
आ रही है
डॉक्टरों के, मरने की खबर।।
ये जो है, कोरोना का कहर;
हर घड़ी फैला रहा है जहर........।
पर भरोसा रखिये,
हम डॉक्टर रूकते नहीं;
जान की बाजी
लगाये,लड़ते हैं मौत से हर प्रहर।
हम सब लड़ रहें
है, आप भी साथ दीजिए;
मिलकर मिटा के
रहेंगे, हम कोरोना का कहर।।
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